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Deep Sidhu's March To Delhi
"It’ll define the next political structure of this whole geopolitics of this entire country." Actor Deep Sidhu is against the Centre's new farm laws, and he's making sure they know it.
30/11/2020 4:27 PM
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237 comments
Raheel T.
24/12/2020 03:35Waiting for our new neighbors khalistan to emerge soon ❤️
Jyoti D.
19/12/2020 05:21Tum jao canada Hamare PM ko gali dete ho Hum tum ko subsidy de ??????? Wah Isko namak harami kehte hai
Jyoti D.
19/12/2020 05:20Modi ji zindabad Bharat Zindabad All these Punjabi farmers Better go canada Follow rules there And sit in dharna
Jyoti D.
19/12/2020 05:19Never never let this kind of protest Subvert the lok sabha bills It will be the death of democracy
Nidhin T.
18/12/2020 18:13It has a huge support from Galisthanis and Pakisthani supporters
Nidhin T.
18/12/2020 18:13This protest is not for farmers. It is for middle man
Salvin R.
16/12/2020 17:39Go home
Chetan M.
15/12/2020 18:04Jyada tar Farmers Protesters ko 3 no Kisan Kanuno ke bare me kuch bhi nahi pata hai
Jam S.
15/12/2020 11:00Shukriya jinha. You said all of this 73 years ego. And we are independent in pakistan.
Pranab G.
14/12/2020 05:44Boycott Godi Media 🇮🇳 Boycott Modi#Amit 🇮🇳 Boycott Ambani#Adani 🇮🇳 😡😡😡😡😡😡😡😡
Mehmood A.
14/12/2020 00:04It will define the geopolitics of entire Aouth Asia...It is going to be really said for them...Khalistan is going to be created..
Sajla C.
13/12/2020 06:58Support Farmers 💗 https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=3495556473814552&id=100000807023094
Xavier A.
12/12/2020 21:27Shameless ruthless BJP 👎🏾👎🏾👎🏾
Xavier A.
12/12/2020 21:24BJP 👎🏾👎🏾👎🏾
Akshay G.
12/12/2020 17:11Kuch bhi karlo bill wapis nah hona 😂😂😂😂
Kumar K.
11/12/2020 03:01Revolution ur head.Paid revo by who want divided India
Nitin R.
10/12/2020 21:49Due to his separatist ideology he has been thrown out from the agitation & not allowed to share the stage anymore😂😂
Snigdh S.
10/12/2020 15:20And what about jograj statement on Hindu motherfucker sikh
Ravi M.
10/12/2020 07:25Chup bey
Jay N.
09/12/2020 14:29यहाँ कुछ तथ्य दिए गए हैं: 1) भारत में पंजाब, सबसे कम कुशल कृषि उत्पादकता वाले राज्यों में से एक है। कृषि के सकल घरेलू उत्पाद के प्रति हेक्टेयर कृषि-जीडीपी के संदर्भ में यह भारत में 11 वें स्थान पर है - चित्र में देखिए। दूसरे शब्दों में कहें तो, सभी मिथक फैलाने, और 99% सिंचाई होने के बावजूद, पंजाब के किसान आज भी कृषि उत्पादन के लिए काफी पुराने साधनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। 2) पंजाब के किसानों की सरासर अक्षमता के बावजूद, पंजाब के प्रत्येक कृषक परिवार को वर्ष 2020 में 1.22 लाख रुपए की सब्सिडी मिली। ऐसी सब्सिडी के परिणामस्वरूप और MSR में कर के पैसे की बर्बादी के कारण ही, पंजाबी किसान परिवारों की आय सबसे अधिक है जोकि औसत भारतीय किसान परिवार की ढाई गुना के बराबर है। यह सरासर ग़लत है। शेष भारत के मेहनती, ज़िम्मेदार और अधिक कुशल किसान सिख किसानों की बेकार जीवनशैली को सब्सिडी दे रहे हैं। पंजाब के दस लाख कृषक परिवारों को शेष भारत के 14.5 करोड कृषक परिवारों से अधिक विशेषाधिकार प्राप्त क्यों हैं? यह रवैया बिल्कुल गैर जिम्मेदाराना है कि जो अक्षम हैं और कितनी सब्सिडी पर निर्भर है लेकिन फिर भी हकदार महसूस कर रहे हैं। इसीलिए दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे पंजाब के मूर्ख किसानों का, अन्य राज्यों के किसानों का समर्थन करना मूर्खतापूर्ण है। यह पंजाबियों, खासकर सिखों के लिए वास्तविकता का सामना करने का समय है। 1965 में, पंजाब में भारत में प्रति व्यक्ति आय सबसे अधिक थी। आज यह गिरकर 13 वें स्थान पर आ गया है। इसमें अभी और तेजी आएगी क्योंकि कई अन्य राज्यों ने आधुनिकीकरण कर रहे है। उन राज्यों के निवासियों ने पैसा कमाने के नए तरीकों को अपनाया है जिसमें पंजाबी पूरी तरह विफल रहे हैं। स्पष्ट रूप से कहें, तो झारखंड या तमिलनाडु के लोग, पंजाब के किसानों की तरह जोंक बनने की बजाए, कड़ी मेहनत करने और एक ईमानदार आजीविका कमाने के लिए तैयार हैं। आइए एक और तथ्य पर विचार करें: भारत में 41 मीट्रिक टन के मुकाबले 2.5 गुना अधिशेष अनाज 97 मीट्रिक टन मौजूद है। इसकी लागत करीब 1.8 लाख करोड़ है। भारतीयों के पास इस अतिरिक्त अनाज के उपभोग का कोई साधन नहीं है और कोई अन्य देश इसे खरीदना नहीं चाहता। इस कारण वह सब सड़ जाता है। किसी भी अधिक अनाज की खरीद करना आपराधिक है क्योंकि सिख किसान धौंस जमाकर सरकार को इसे खरीदने को बाध्य करते हैं। पंजाब से सभी एफसीआई खरीद बंद करो। उस पैसे को पूरे भारत में विकासात्मक परियोजनाओं पर निवेश करें। 1.8 लाख करोड़ बहुत पैसा है,बड़ी रकम है। व्यक्तिगत स्तर पर, प्रत्येक भारतीय को कम से कम एक वर्ष तक गेहूं का उपभोग नहीं करने का संकल्प करना चाहिए। पंजाब के चावल का भी सेवन न करें। फलियों का सेवन अधिक करें। इससे बिहार, झारखंड, उत्तराखंड और तमिलनाडु जैसे अन्य राज्यों के किसानों की आमदनी बढ़ेगी और सब्सिडी से होने वाली विषमता दूर होगी। सिख किसानों को यह महसूस करना चाहिए कि उनकी अपव्ययी जीवन शैली अन्य राज्यों के गरीब भारतीयों पर निर्भर है और जो लोग दान प्राप्त कर रहे हैं वे हकदार नहीं हैं । Translation: Kaushlesh Rai