In this Hindu temple complex stands a dargah

This is one of the rare instances in India where a religious structure was relocated amicably.

July 2022 के पहले सप्ताह में viral हुए इस video में लाखों श्रद्धालु में दर्शन के लिए चढ़ाई करते नज़र आए. 52 शक्तिपीठों में एक Pavagadh स्थित Kalika Mata Temple को प्रधानमंत्री Narendra Modi ने भव्य जीर्णोद्धार के बाद इस मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण किया था. रोचक बात यह थी कि क़रीब हज़ार साल पुराने मंदिर का 540 वर्षों से कोई शिखर नहीं था करीब हज़ार साल पुराने और न ही इस पर कोई ध्वज लहराता था. के ठीक ऊपर बनी थी दरगाह. हिंदू मान्यता के अनुसार, का अंगूठा गिरा था और ऋषि Vishwamitra ने माता की स्थापना की थी. यहां Kalika Mata के अगल-बगल देवी Mahakali और Bahuchara Mata भी विराजमान हैं. दसवीं या 11वीं सदी में राजपूत राजाओं ने यहां विशाल मंदिर बनवाया था. 1484 में Gujarat के इतिहासकारों के अनुसार, सुल्तान Mahmud Begada ने मंदिर को तोड़ दिया था और बाद में इसके ऊपर Sadanshah Pir दरगाह बन गई.. दरगाह बन गई. 18वीं सदी में मंदिर का पुनर्निर्माण हुआ और पूजा फिर शुरू हुई लेकिन इसका शिखर खंडित ही रहा. 2004 में यह मंदिर UNESCO के विश्व धरोहर स्थल का हिस्सा बन गया जब Archaeological Park Champaner-Pavagadh घोषित किया गया. 2017 में इस मंदिर की कहानी कहानी में नया अध्याय जुड़ा जब राज्य सरकार जब राज्य सरकार ने इसके जीर्णोद्धार के का प्रावधान किया और मंदिर का शिखर फिर से बनाने का फैसला लिया गया. पहले तो इसको लेकर भी विवाद छिड़ा और मामला अदालत तक जा पहुंचा लेकिन आख़िरकार सौहार्दपूर्ण समझौते के ज़रिए इसका हल निकल गया. दरगाह को तोड़े बिना प्रतिस्थापित करने का फैसला किया गया मंदिर के लिए नया शिखर बनाया गया और पहाड़ी की खुदाई कर गर्भगृह ऊपर लाया गया इसमें 3600 cubic feet लाल sandstone का इस्तेमाल किया गया जो Rajasthan से आया था. दरगाह को मंदिर परिसर में ही जगह मिली और उसके निर्माण में भी यही लाल बलुआपत्थर प्रयोग हुआ. इस तरह से यह प्राचीन मंदिर आधुनिक भारत में सांप्रदायिक सौहार्द का उदाहरण बन गया. Journalist Pawas Kumar Video Editor Mithlesh Yadav


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Brut.